“Book Descriptions: इस्लाम के बलपूर्वक विस्तार की घातक प्रवृत्तियों की गहरी पड़ताल हमारे लिए घायल अतीत की ह्दयविदारक यात्रा के कटु अनुभव जैसी है, जिसकी जीवंत झलक इस किताब में पहली बार छपकर आई है। लाहौर और दिल्ली पर तुर्क मुसलमानों के कब्जे के बाद बाकी भारत ने सदियों तक क्या कुछ भोगा-भुगता है, इसके बारे में इतिहास की किताबों में परदा डालकर रखा गया। “भारत में इस्लाम” की इस रोंगटे खड़े कर देने वाली श्रृंखला में वही सत्य उजागर किया गया है, जो बीते आठ सौ सालों के दौरान समकालीन मुस्लिम लेखकों ने दस्तावेजों में दर्ज किया । इस भाग में आप देखेंगे कि किस तरह दिल्ली पर काबिज होते ही तुर्क मुसलमानों ने हिंदुओं के सफाए के इरादे जाहिर किए थे। आलिमों और सूफियों ने कैसे हिंदुओं के कठोर दमन के दिशा-निर्देश तैयार किए थे। बदकिस्मती से आजाद भारत के इतिहासकारों ने भारत में इस्लाम के फैलाव की इस घृणित सच्चाई को छुपा कर रखा। लेखक का मानना है कि मध्यकाल के इतिहास में सल्तनत और मुगलकाल जैसे कोई कालखंड नहीं हैं। वह अपने समय के दुर्दात आतंकियों और अपराधियों का इतिहास है, जो दिल्ली को अपना अड्डा बनाकर बैठ गए थे...” DRIVE