“Book Descriptions: एक ऐसा उपन्यास जिसका नाम ही 'आतंक के साये' नहीं है बल्कि इसकी प्रत्येक पंक्ति आपके मस्तिष्क में आतंक फैलाने के लिए पर्याप्त होगी।
आतंक की गलियों के बीच घूमता, सनसनीखेज, हैरतअंगेज, दिल दहला देने वाला, दहशतनाक, रहस्यमयी, रोमांचक उपन्यास।
ऐसे इंसान की कहानी, जो खुद को बहुत बड़ा दादा कहता था मगर था नहीं, लेकिन जब उसने वाकई दादागिरी दिखाई तो वो सब हो गया जो उसने स्वप्न में भी नहीं सोचा था।
विश्वप्रसिद्ध लेखक अनिल मोहन की कलम से निकला हुआ एक शानदार उपन्यास।” DRIVE