BookShared
  • MEMBER AREA    
  • Tooti Hui Bhikhari Hui । टूटी हुई बिखरी हुई (मानव कौल का नया उपन्यास)

    (By Manav Kaul)

    Book Cover Watermark PDF Icon Read Ebook
    ×
    Size 29 MB (29,088 KB)
    Format PDF
    Downloaded 696 times
    Last checked 16 Hour ago!
    Author Manav Kaul
    “Book Descriptions: मुझे हमेशा से लगता रहा था कि जीवन में व्यस्त रहना सबसे मूर्खता का काम है। इस जीवन को मैं जितनी चालाकी से जी सकता था, जी रहा था। कम-से-कम काम करके ज़्यादा-से-ज़्यादा वक़्त ख़ाली रहना मेरे जीने का उद्देश्य था। मैं कुछ न करते वक़्त सबसे ज़्यादा सम पर रहता था। सुरक्षित जीवन की कल्पना में काम करते-करते एक दिन मैं मर नहीं जाना चाहता था। मैं किसी भी तरह की मक्कारी पर उतर सकता था अगर मुझे पता चले कि मेरे दिन बस काम की व्यस्तता में बीतते चले जा रहे हैं।
    ~इसी किताब से”

    Google Drive Logo DRIVE
    Book 1

    Yaar Papa

    ★★★★★

    Divya Prakash Dubey

    Book 1

    गुनाहों का देवता

    ★★★★★

    Dharamvir Bharati

    Book 1

    चित्रलेखा

    ★★★★★

    Bhagwaticharan Verma

    Book 1

    रश्मिरथी

    ★★★★★

    Ramdhari Singh 'Dinkar'

    Book 1

    सूखा तथा अन्य कहानियाँ

    ★★★★★

    Nirmal Verma

    Book 1

    दिल्ली दरबार

    ★★★★★

    Satya Vyas

    Book 1

    कव्वे और काला पानी

    ★★★★★

    Nirmal Verma

    Book 1

    मुसाफिर Cafe

    ★★★★★

    Divya Prakash Dubey

    Book 1

    बनारस टॉकीज [Banaras Talkies]

    ★★★★★

    Satya Vyas

    Book 1

    The Palace of Illusions

    ★★★★★

    Chitra Banerjee Divakaruni

    Book 1

    Adhe Adhure : A Play in Two Acts

    ★★★★★

    Rākeśa Mohana

    Book 1

    Days of Longing

    ★★★★★

    Nirmal Verma