BookShared
  • MEMBER AREA    
  • Mahavidyalaya

    (By Vinod Kumar Shukla)

    Book Cover Watermark PDF Icon Read Ebook
    ×
    Size 23 MB (23,082 KB)
    Format PDF
    Downloaded 612 times
    Last checked 10 Hour ago!
    Author Vinod Kumar Shukla
    “Book Descriptions: विनोद कुमार शुक्ल ऐसे कथाकार हैं जिन्होंने कम कहानियाँ लिखकर भी इस विधा पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है। साधारण आय वाले मामूली लोग, उनके छोटे-छोटे जीवन संघर्ष और स्मृतियों का संसार उनकी कहानियों का निर्माण करते हैं। ‘रुपये’ और ‘बोझ’ जैसी उनकी कहानियाँ मामूली लोगों के जीवन में कठिन परिश्रम से कमाए गए रुपयों के मूल्य की कहानियाँ हैं जिनमें ख़ास ढंग का परिवेश और पात्रों का मिज़ाज कहानियों को अविस्मरणीय बनाता है। ‘पेड़ पर कमरा’ प्रकृति और मनुष्य के साहचर्य की कथा है तो ‘गोष्ठी’ साहित्य में तानाशाही का विरल चित्र है। ‘महाविद्यालय’ को शुक्ल जी की प्रतिनिधि कहानी माना जाता है जहाँ मनुष्य और बाज़ार का द्वन्द्व हमारे समय के विद्रूप का बखान करता है। ‘आदमी की औरत’ और ‘मछली’ शुक्ल के कथा-संसार का स्त्री पक्ष ही नहीं हैं, बल्कि यहाँ पितृसत्तात्मक विचार के विरुद्ध कथाकार की अपनी अर्जित की हुई दृष्टि है। ‘महाविद्यालय’ संग्रह की कहानियों की भंगिमाएँ कहानी के ख़ास शुक्ल-शिल्प का उदाहरण बन गई हैं। अपनी तरह के कथा रस से भरी इन कहानियों को पढ़ना स्मृति और जीवन के संसार में प्रवेश करना है जहाँ कहानीकार आशा और उजास की तमाम सम्भावनाएँ बचाए रखता है।”

    Google Drive Logo DRIVE
    Book 1

    Talkhiyaan / تلخیاں

    ★★★★★

    Sahir Ludhianvi

    Book 1

    तरकश /ترکش / Tarkash

    ★★★★★

    Javed Akhtar

    Book 1

    Rooh

    ★★★★★

    Manav Kaul

    Book 1

    Adhe Adhure : A Play in Two Acts

    ★★★★★

    Rākeśa Mohana

    Book 1

    मुसाफिर Cafe

    ★★★★★

    Divya Prakash Dubey

    Book 1

    The God of Small Things

    ★★★★★

    Arundhati Roy

    Book 1

    पतझड़ [Patjhad]

    ★★★★★

    Manav Kaul

    Book 1

    Katranein । कतरनें [ न कहानी, न कविता ]

    ★★★★★

    Manav Kaul

    Book 1

    चिट्ठियों के दिन

    ★★★★★

    Nirmal Verma

    Book 1

    पचपन खम्भे लाल दीवारें

    ★★★★★

    Usha Priyamvada

    Book 1

    तितली

    ★★★★★

    Manav Kaul