BookShared
  • MEMBER AREA    
  • Chalta phirta pret

    (By Manav Kaul)

    Book Cover Watermark PDF Icon Read Ebook
    ×
    Size 21 MB (21,080 KB)
    Format PDF
    Downloaded 584 times
    Last checked 8 Hour ago!
    Author Manav Kaul
    “Book Descriptions: बहुत वक़्त से सोच रहा था कि अपनी कहानियों में मृत्यु के इर्द-गिर्द का संसार बुनूँ। ख़त्म कितना हुआ है और कितना बचाकर रख पाया हूँ, इसका लेखा- जोखा कई साल खा चुका था। लिखना कभी पूरा नहीं होता... कुछ वक़्त बाद बस आपको मान लेना होता है कि यह घर अपनी सारी कहानियों के कमरे लिए पूरा है और उसे त्यागने का वक़्त आ चुका है। त्यागने के ठीक पहले, जब अंतिम बार आप उस घर को पलटकर देखते हैं तो वो मृत्यु के बजाय जीवन से भरा हुआ दिखता है। मृत्यु की तरफ़ बढता हुआ, उसके सामने समर्पित-सा और मृत्यु के बाद ख़ाली पड़े गलियारे की नमी-सा जीवन, जिसमें चलते-फिरते प्रेत-सा कोई टहलता हुआ दिखाई देने लगता है और आप पलट जाते हैं। —मानव कौल

    Google Drive Logo DRIVE
    Book 1

    India After Gandhi: The History of the World's Largest Democracy

    ★★★★★

    Ramachandra Guha

    Book 1

    Midnight’s Children

    ★★★★★

    Salman Rushdie

    Book 1

    Peace Is Every Step: The Path of Mindfulness in Everyday Life

    ★★★★★

    Thich Nhat Hanh

    Book 1

    Wings of Fire: An Autobiography

    ★★★★★

    A.P.J. Abdul Kalam

    Book 1

    Train to Pakistan

    ★★★★★

    Khushwant Singh

    Book 1

    Roads to Mussoorie

    ★★★★★

    Ruskin Bond

    Book 1

    Letters to a Young Poet

    ★★★★★

    Rainer Maria Rilke

    Book 1

    Aahuti: Mahabharat Aadhaarit Pauranik Rahasya Gaatha Khand 3

    ★★★★★

    Saurabh Kudesia

    Book 1

    Stuti: Mahabharat Aadhaarit Pauranik Rahasya Gaatha Khand 2

    ★★★★★

    Saurabh Kudesia

    Book 1

    खंड १: आह्वान: एक विलुप्त पुरातन सत्य जिसने इतिहास को बौना कर दिया [Khand 1: Aahvan]

    ★★★★★

    Saurabh Kudesia

    Book 1

    The Illicit Happiness of Other People

    ★★★★★

    Manu Joseph