“Book Descriptions: ज़िंदगी एक मोह ही तो है, है ना? सभी को एहसास होता है कि एक न एक दिन तो जिस्म को माती में मिल जाना है और रूह को ईश्वर से एक हो जाना है| ईश्वर को तो शायद इंसान हरदम से तलाशता रहता है, पर उसे पाना इतना आसान भी कहाँ है? इसी तलाश के बीच पैदा होती हैं कुछ आरज़ू, कुछ ख़्वाहिशें और कुछ बेचैनियाँ| रूह के इन्हीं एहसासों को नज़्मों के रूप में पिरोकर पेश कर रही हैं लिम्का बुक की रिकॉर्ड होल्डर, नीलम सक्सेना चंद्रा|” DRIVE