“Book Descriptions: दीनानाथ और मुरलीधर लोगों को जुआ खिला खिला कर अपनी जेबें भरते थे । हारे हुए जुआरियों से पूरा पैसा ऐंठने के लिये वो उन्हें प्रोनोट लिखवाकर जुए के लिये उधार तक देने गुरेज नहीं करते थे । एक दिन मुरलीधर की गोली बिंधी लाश उसके अपने ही ऑफिस से बरामद हुई और पुलिस का मानना था कि ऐसे ही किसी प्रोनोट के शिकार ने उसका काम तमाम किया था ।” DRIVE