“Book Descriptions: ‘प्रेमचंद के फटे जूते’ शीर्षक से यह प्रतिष्ठित कथाकार ज्ञानरंजन द्वारा सम्पादित हरिशंकर परसाई की प्रतिनिधि रचनाओं का संचयन है। इन रचनाओं में परसाई ने अपने युग के समाज का, उसकी बहुविध विसंगतियों, अन्तर्विरोधों और मिथ्याचारों का उद्घाटन किया है। इन रचनाओं में हँसी से बढ़कर जीवन की तीखी आलोचना है। परसाई का समग्र रूप अनूठा है। उनके पास स्मृति है और तर्क है। तर्क मनहूनी को काटता है और चपल विनोद-वृत्ति तथा ठाठदार हास्य की शैली से आगे बढ़ जाता है। व्यार और भक्ति के समुद्र के बीच परसाई ने अपनी ज्वलन्त और मौलिक खड़ी बोली में भारतीय समाज की असंख्य पेण्टिग्स बना डाली। प्रेमचन्द्र के बाद वे हिन्दी में सबसे अधिक पढ़े जानेवाले रचनाकार है।” DRIVE